क्या आपके मन में भी क्षुद्र ग्रह क्या है पूरी जानकारी ऐसा सवाल आता है अगर हां तो आप बिल्कुल सही स्थान पर आए हैं। आप हमारे What is Asteroid in hindi के article से जानकारी ले सकते है। आज के इस लेख में हम क्षुद्र ग्रह से संबंधित पूरी जानकारी देंंगेे।
अंतरिक्ष में हजारों लाखों ऐसे पत्थर, ग्रह और उपग्रह विराजमान है, जो अपनी एक निश्चित चाल से लगातार गति कर रहे हैं। इनकी आकृति मटर के दाने से छोटी हो सकती है तथा हजारों सूर्य से भी बड़ी हो सकती है। कुछ ऐसे ही पत्थरों को क्षुद्र ग्रह भी कहा जाता है।
क्षुद्र ग्रह क्या है पूरी जानकारी | What is Asteroid in hindi
क्षुद्र ग्रह (Asteroid) आकार में बहुत छोटे और बहुत बड़े भी हो सकते हैं, यह क्षुद्र ग्रह अंतरिक्ष में इस कदर फैले हैं। जिनकी गिनती कर पाना लगभग असंभव है, और पृथ्वी पर भी कई वर्षों से गिरते रहते हैं। इनकी आकृति कुछ सेंटीमीटर से लेकर के कुछ फीट तक हो सकती है, तथा यह मटर के दाने से लेकर के एक पूरे पहाड़ जितने बड़े हो सकते हैं।
आज की लेख में हम आपको क्षुद्र ग्रह से संबंधित पूरी जानकारी देने का प्रयास करेंगे और ये भी बताएंगे बताएंगे कि क्षुद्र ग्रह क्या होता है, इनका निर्माण कैसे होता है, इन की भौतिक विशेषताएं क्या क्या हो सकती है, और यह कहां पाए जाते हैं।
तो चलिए शुरू करते हैं-
क्षुद्र ग्रह (Asteroid) क्या है | क्षुद्र ग्रह की परिभाषा
जब हमारे सौरमंडल का निर्माण हो रहा था उस समय कुछ ऐसे छोटे छोटे पत्थर के टुकड़े रह गए थे जो कि अन्य छोटे टुकड़ों को मिला करके एक बड़ा ग्रह नहीं बना पाए थे, और वही छोटे छोटे पत्थर के टुकड़े आज के समय क्षुद्र ग्रह बन कर अंतरिक्ष में घूम रहे हैं।
क्षुद्र ग्रह आकार में बहुत छोटा भी हो सकता है और बड़ा हो सकता है। यह आकर में मटर के दाने जितना हो सकता है तथा एक पर्वत से भी विशाल हो सकता है। लेकिन एक बात बिल्कुल साफ है कि ये एक ग्रह जितना बड़ा नहीं हो सकता इसीलिए इन्हें नाम दिया गया क्षुद्र ग्रह।
क्या आपने इसे पढ़ा- सबसे बड़ा क्षुद्र ग्रह (Asteroid) कौन सा होता है
1 सेरेस और 4 वेस्ता यह सबसे बड़े क्षुद्र ग्रह है और हमारे सौरमंडल में ही पाए जाते हैं। 1 सेरेस को एक जनवरी 1801 में देखा गया था तथा 4 वेस्ता को मार्च 29 1807 में देखा गया था। Tc25 सबसे छोटा क्षुद्र ग्रह है और इसकी लंबाई 6 फिट है। तथा इसकी चौड़ाई 5 फीट है। यह हमारे सौरमंडल में उपस्थित सबसे छोटा क्षुद्र ग्रह है। यह 2005 में पृथ्वी से होकर गुजरा था। क्षुद्र ग्रह की बेल्ट पर क्षुद्रग्रह (Asteroid) पाए जाते हैं। यह क्षुद्र ग्रह किसी भी ग्रह की रिंग में हो सकते है, जिसमें क्षुद्र ग्रह पाए जा सकते हैं। इन्हें कई बार बड़ी आकृति में होने के कारण उपग्रह भी कह दिया जाता है। लेकिन यह क्षुद्र ग्रह ही है जो कि सूर्य जैसे ग्रहों के चक्कर लगाते हैं। या फिर अन्य किसी सौरमंडल के ग्रह के चक्कर लगाते हैं। ऐसे ही ग्रह में मंगल ग्रह व् बृहस्पति ग्रह भी शामिल है, और शनि ग्रह, और यम ग्रह भी शामिल है। क्षुद्र ग्रह (Asteroid) बहुत सारी मध्यम वर्गीय तथा बड़े ग्रहों की कक्षाओं में पाए जाते हैं और ऐसे ही किसी अन्य ग्रह से उत्पति भी लेते हैं। यह क्षुद्र ग्रह अंतरिक्ष में बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं। इनका सबसे उचित स्थान बड़े ग्रहों की कक्षाएं होती है। तथा यह उनके Asteroid Belt पर भी मिल जाते हैं। तथा उनके आंतरिक कक्षाओं में भी मिल जाते हैं। पृथ्वी पर भी हमारे वातावरण में कई बार क्षुद्र ग्रह गिरते रहते हैं। पिछली बार जब एक क्षुद्रग्रह विशाल आकार का गिरा था उससे पृथ्वी पर डायनासोर की प्रजाति का समापन हो गया था। क्या आपने इसे पढ़ा- अंतरिक्ष यात्रा पर निबंध। आज से तकरीबन 5000 करोड़ वर्ष पूर्व जब हमारे सौरमंडल का निर्माण हो रहा था तो उस समय हमारे ग्रहों के बनने के समय कुछ मिट्टी के ढेर के कारण और पत्थर के टुकड़े अपने आप में बड़े ग्रह नहीं बन पाए थे। जिसके कारण वे Asteroid बन कर अंतरिक्ष में विचरण करने लगे थे और कुछ समय पश्चात सूर्य के चक्कर लगाने लगे थे परन्तु बाद में जब बड़े ग्रह अपने आप में उत्पत्ति लेने लगे, तो ये Asteroid ग्रहों के कक्षा में शामिल होने लगे थे और यही के होकर रह गए थे। क्षुद्र ग्रह यदि अपनी पूरी गति पर नहीं होते हैं, तो यहां पर तापमान बहुत ही ज्यादा ठंडा होता है। क्योंकि यह सूर्य व ग्रहों से काफी दूर पाए जाते हैं। कई बार यह बर्फ से ढके हुए भी मिल सकते हैं। इनकी आकृति कई 100 किलोमीटर की हो सकती है। तथा कुछ फीट बड़े भी हो सकते हैं। हमारे सौरमंडल में ही कुछ ऐसे क्षुद्र ग्रह विराजमान हैं जिनके खुद के चंद्रमा भी है। ऐसे ग्रहों की संख्या 150 से भी ज्यादा है और कुछ के तो दो से भी ज्यादा चन्द्रमा है। इस समय मंगल ग्रह के चंद्रमा फोबोस और डिवोस यह दोनों एस्टेरॉइड ही है अर्थात क्षुद्र ग्रह है। क्या आपने इसे पढ़ा- ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध। आज के इस लेख में हमने क्षुद्र ग्रह क्या है इसपर पूरी जानकारी प्राप्त करी है। हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा What is Asteroid in hindi में लिखा गया ये लेख पसंद आया होगा। यदि पसंद आया हो तो कृपया इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। धन्यवाद! Q. उल्का पिंड के बारे में कुछ बताएं। उल्का पिंड पृथ्वी पर बहुत बड़ी मात्रा में गिरते रहते हैं हर वर्ष पृथ्वी पर तकरीबन हजार किलो से ज्यादा उल्कापिंड गिरते हैं और यह उल्कापिंड बहुत ही छोटे-छोटे कणों के रूप में या फिर छोटे छोटे पत्थर के रूप में गिरते हैं, जिसके टकराव से उत्पन्न कंपन का हमें पता भी नहीं चलता। ऐसा भी हो सकता है कि आपके पड़ोस में कहीं उल्का पिंड गिर गया हों और आपको पता भी ना हो। उल्का पिंड एक टेनिस की गेंद जितनी बड़ी आकृति का भी हो सकता है, तथा चंद्रमा के ग्रह से भी बड़ी आकृति का भी हो सकता है। Q. पृथ्वी से प्रतिदिन कितने क्षुद्र ग्रह टकराते हैं? Q. किस ग्रह पर ज्यादा क्षुद्र ग्रह है? Q. यदि शुक्र ग्रह ने हमारी पृथ्वी को टच किया तो क्या होगा? Q. अभी तक का खोजा गया सबसे दूर का एस्टेरॉइड कोनसा है? Q. एस्ट्रॉयड और मेट्रॉयड को हिंदी में क्या कहते हैं?सबसे छोटा क्षुद्र ग्रह कौन सा होता है?
क्षुद्र ग्रह कहां पाए जाते हैं?
क्षुद्र ग्रह किनकी कक्षाओं में पाए जाते हैं
क्षुद्र ग्रह का निर्माण कैसे होता है?
क्षुद्र ग्रह की भौतिक विशेषताएं
Conclusion
क्षुद्र ग्रह क्या है से संबंधित प्रश्न और उनके उत्तर (FAQ)