पिछले तीन सालों से हम सब कोरोनावायरस से जूझ रहे हैं। यह वैश्विक बीमारी शांत होने का नाम ही नहीं ले रही है। इसके अलग-अलग वैरीअंट समय-समय पर लोगों को चोट पहुंचाते रहे हैं; अभी हाल ही में से ही नहीं निपट पाए थे कि चाइना ने एक नए वेरिएंट, जिसका नाम है- NEOCOV, के बारे में जानकारी दी।
सबसे पहले कहां पाया गया?
वुहान यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा पाया गया कि यह Neocov वैरीअंट सबसे पहले साउथ अफ्रीका में चमगादड़ में पाया गया; जिसके बाद यह जानवरों में खूब जमकर फैला। रिसर्च में पाया गया कि Neocov अभी तक मनुष्य को संक्रमित नहीं कर रहा है।
रिसर्च में यह भी मालूम पड़ा कि- Neocov वायरस पहले के वायरसो में सबसे ज्यादा घातक हो सकता है। चाइना ने अभी हाल ही में Neocov वायरस की पुष्टि की है।
जरूर पढ़े- नया नहीं है Neocov वेरिएंट
टाइम्स नाउ की एक चर्चित ख़बर के अनुसार Neocov वैरीअंट कोई नया वैरीअंट नहीं है बल्कि यह वैरिएंट सार्स कोव-2 से ही संबंधित है। यह सबसे पहले चमगादड़ जानवर में पाया गया, उसके बाद अन्य जानवरों में तेजी से फैलता दिखाई दिया। मनुष्यों में अभी इसके मामले सामने नहीं आए हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि यह जरूर पढ़े- एंटीबॉडी को दे सकता है धोखा
रिसर्च में कहा गया कि यदि मनुष्य में पाया जाता है तो वैक्सीन के द्वारा बनी हुई एंटीबॉडी को भी यह धोखा देकर मनुष्य को और बीमार कर सकता है। Neocov नियोकोव मर्स और सार्स कोव-2 से मिलकर बना है। जैसा कि आप सब जानते हैं कि नहीं हो को मर्द से मृत्यु की दर अधिक है ऐसे में नियोंकोव अत्यंत घातक साबित हो सकता है। चाइना की ओर से Neocov वैरीअंट के बारे में सूचना पर अभी विश्व स्वास्थ संगठन ने कोई भी टिप्पणी नहीं की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन संपूर्ण विश्व के स्वास्थ्य के प्रति उत्तरदाई होता है, और समय-समय पर अलग-अलग बीमारियों से लोगों को जागरूक करता रहता है।विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पुष्टि नहीं की